"I WOULD BE HAPPY TO MAKE YOU MORE PROSPEROUS"

Saturday 10 April, 2010

"सपनों की एक दुकान"

आओ बच्चो विचारों का बनायें एक मकान
उसमें खोलें सपनों की एक दुकान
फिर उन सपनों में चुन-चुन कर डालें जान
जो ला सकें सबके ओंठों पर मुस्कान
इसी तरह हम उड़ें एक ऊँची-श्रेष्ठ उड़ान
और बनायें इस जग में अपनी सुंदर सी पहचान.

No comments: